RBI Guidelines: RBI ने बदल दिए नियम, जान लें नहीं तो होगा तगड़ा नुकसान
RBI हर रोज नये कुछ न कुछ नियम बदलती रहती है। हाल ही में RBI ने कुछ नियमों में बदलाव किये है। अगर बैंक ग्राहकों न इन नियमों पर ध्यान नहीं दिया तो उनको भारी नुकसान हो सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल में कुछ बैंकों को कायदे-कानून का पालन करने में कोताही करता पाया. इसे लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सख्त हिदायत दी.
उनका कहना है कि बैंकों की इस तरह की लापरवाही देश के बैंकिंग सेक्टर को खतरे में डाल सकती है. उन्होंने कहा कि कुछ बैंकों में गवर्नेंस से जुड़ी लापरवाही देखी गई है.
इनमें बैंकिंग सेक्टर में कुछ हद तक अस्थिरता लाने की संभावना है. इसलिए बैंकों के बोर्ड और मैनेजमेंट के लिए आवश्यक है कि वो इस तरह की कमियों को दूर करें.
एक स्पीच के दौरान शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकों के बोर्ड चेयरमैन के साथ-साथ पूर्ण कालिक डायरेक्टर्स और नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स की ये
संयुक्त जिम्मेदारी है कि वह बैंक गवर्नेंस से जुड़े नियमों के अक्षरश: पालन पर ध्यान दें. डायरेक्टर्स को बैंक के आंतरिक माहौल में होने वाले छोटे-छोटे बदलावों को लेकर अपने आप को अपडेटेड रखना चाहिए.
इसी के साथ उन्होंने डायरेक्टर्स उन उन बाहरी बातों पर भी गौर करने के लिए कहा, जो बैंक पर असर डालते हैं. जबकि इंडिविजुअल डायरेक्टर्स के बीच हितों के टकराव की स्थिति नहीं होनी चाहिए,
जो उनकी ऑब्जेक्टिविटी और इंडिपेंडेंस को नुकसान पहुंचाए. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने हाल में कई बार ये बात नोटिस की है कि बोर्ड की बातचीत
और निर्णय लेने के तरीकों पर बैंक के सीईओ का हावी होना दिखता है. ऐसे मामलों में बैंक के बोर्ड अपने आप का ही आकलन नहीं करते हैं. केंद्रीय बैंक नहीं चाहता कि बैंकों के अंदर इस तरह के हालात पनपें.
बल्कि कोशिश ये होनी चाहिए कि स्वतंत्र डायरेक्टर असल मायनों में स्वतंत्र हों. उन्हें अपनी राय रखने के लिए सिर्फ प्रबंधन ही नहीं बल्कि कंपनी पर नियंत्रण रखने वाले शेयर
होल्डर्स से भी स्वतंत्र रखना चाहिए, खासकर तब जब वह अपना काम सही तरीके से कर रहे हों. उन्होंने बैंकों के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स का आह्वान किया कि वह ये बात ध्यान में रखें कि उनकी लॉयल्टी सिर्फ बैंक से है, किसी और चीज से नहीं.
